लेखनी कहानी -06-Apr-2022 पैरोडी संसार
पैरोडी
तर्ज : मेरे दिल में आज क्या है तू कहे तो मैं बता दूं
प्रेमी :
सुन तराना मेरे दिल का, ये तेरे ही गीत गाये
तुझे सामने ना पाकर, इक पल ना चैन पाये
सुन तराना मेरे दिल का ये तेरे ही गीत गाये
अंतरा 1
मदभरे लबों से थोड़ा मैं मधु चुरा लूं जाना
तेरे नैन नशे के सागर या कि पूरा है मैखाना
तेरी जुल्फ गर खुले तो काली घटाऐं छाये
सुन तराना मेरे दिल का ये तेरे ही गीत गाये
तुझे सामने ना पाकर इक पल ना चैन आये
सुन तराना मेरे दिल का ये तेरे ही गीत गाये
अंतरा 2
प्रेमिका
ख्वाबों में रोज आकर क्यों सताए रोज राजा
गर दम है तुझमें जाना, घर डोली ले के आजा
कमबख्त जुदाई के दिन अब और सहे ना जाये
तू छुपा ले बाजुओं में , तो मुझे करार आये
तेरे बिन मुझे भी साजन कुछ भी नहीं सुहाये
तू छुपा ले बाजुओं में , तो मुझे करार आये
हरिशंकर गोयल "हरि"
4.5.22
सिया पंडित
05-May-2022 11:10 AM
Wah kya bat h
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Seema Priyadarshini sahay
04-May-2022 02:45 PM
बहुत सुंदर रचना
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Hari Shanker Goyal "Hari"
04-May-2022 04:43 PM
आभार आपका मैम
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